moments
contemplations of a common guy.
Wednesday, January 6, 2010
बातें दिल की 5
कुछ भी मांगो दे दूंगा जो हैं मेरा
पर कब से हो गया हैं ये तन मन दिल रूह तेरा
धामके रहूँगा ये हाथ , आंधी हो या बरसात
सातों जनम में तू ही देना मेरे साथ
(अलोक गुप्त )
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