1)अदावों ने दिया हैं दिल पे यह ज़ख्म गहरा
मगर ये दर्द भी देता हैं प्यार का एहसास सुनहरा
2)प्यार दर्द हैं जो अच्छा लगता हैं
गिर जाओ इसकी आंधी में, आग भी पानी लगता हैं।
3)दिल को किया हैं घायल
खनकते हैं जो तेरी पायल
सुनसान घूमता था कायर
जिसे तुमने बनाया शायर
4)साँस भी संगीत बन जाता हैं बांसुरी से
मिटटी से सुगंध फैलता हैं बरसात से
रात भी दिन बन जाता हैं तेरी हँसी से
(अलोक गुप्त)
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